संविधान के 73वें संशोधन के द्वारा पंचायती राज संस्थाओं और 74 वें संविधान संशोधन द्वारा नगर पालिका लोकतांत्रिक प्रणाली की स्थापना को संवैधानिक मान्यता प्रदान की गई है।
मूल संविधान में भाग-9 के अंतर्गत पंचायती राज से संबंधित उपबंधों की चर्चा (अनुच्छेद 243) की गई है । भाग-9 में ‘पंचायतें’ नामक शीर्षक के तहत अनुच्छेद 243-243ण (243-243O) तक पंचायती राज से संबंधित उपबंध हैं।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 (जी) उपबंधित करता है कि संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए राज्य का विधान मंडल विधि द्वारा पंचायतों को ऐसी शक्तियां और प्राधिकार प्रदान कर सकता है जो उन्हें स्वायत्त शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करने योग्य बनाने के लिए आवश्यक समझे
अनुच्छेद 243 यह भी कहता है कि इस भाग के उपबंधों के अनुसार प्रत्येक राज्य में नगर पालिकाओं का गठन किया जाएगा। किसी संक्रमणशील क्षेत्र के लिए अर्थात ग्रामीण क्षेत्र से नगरी क्षेत्र में संक्रमणशील क्षेत्र के लिए एक नगर पंचायत चाहे जो नाम हो किसी लघुता क्षेत्र के लिए नगर पालिका परिषद और किसी बड़े नगरी क्षेत्र के लिए नगर निगम नगर की स्थापना ऐसे नगरों के लिए की जाएगी जो ग्रामीण से नगर में परिवर्तित होने की दशा में है।
अनुच्छेद 243-ट पंचायतों के लिए निर्वाचन से सम्बंधित है। पंचायतों के लिए कराए जाने वाले सभी निर्वाचनों के लिए निर्वाचक नामावली तैयार कराने का और उन सभी निर्वाचनों के संचालन का अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण एक राज्य निर्वाचन आयोग में निहित होगा, जिसमें एक राज्य निर्वाचन आयुक्त होगा, जो राज्यपाल द्वारा नियुक्त किया जायेगा।
इसी प्रकार अनुच्छेद 243-यक नगरीय निकाय के लिए निर्वाचन से सम्बंधित है । नगरपालिकाओं के लिए कराए जाने वाले सभी निर्वाचनों के लिए निर्वाचक नामावली तैयार कराने का और उन सभी निर्वाचनों के संचालन का अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण, अनुच्छेद 243-ट में निर्दिष्ट राज्य निर्वाचन आयोग में निहित होगा।
त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम पंचायत (ग्राम स्तर पर), पंचायत समिति या जनपद पंचायत (मध्यवर्ती स्तर पर) और ज़िला परिषद या जिला पंचायत (ज़िला स्तर पर) शामिल हैं।
इसी प्रकार नगरपालिकाओं के तीन स्तर हैं : नगर पंचायत - ऐसे संक्रमणशील क्षेत्रों में गठित की जाती है, जो गाँव से शहरों में परिवर्तित हो रहे हैं; नगरपालिका परिषद - छोटे शहरों अथवा लघु नगरीय क्षेत्रों में गठित किया जाता है; और नगर निगम - बड़े नगरीय क्षेत्रों, महानगरों में गठित की जाती है।
मध्यप्रदेश शासन , सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना दिनांक 1 फरवरी ,1994 द्वारा मध्यप्रदेश में राज्य निर्वाचन अयोग का गठन किया गया ।